UPI जिसके बारे में आप सभी जानते है की यह भारत अभी हर चीज में खुद की डिजिटल बनाने की होड़ में आगे बढ़ रहा है और इसमें UPI एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है लेकिन बहुत से लोग UPI या (Unified Payments Interface) के फुल फॉर्म के बारे में नहीं जानते है । UPI का FULL FORM “यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस” होता है। यह एक ऐसा टेक्नोलॉजी है जिसके जरिये कैशलेस लेनदेन को ज्यादा बढ़ावा दिया गया है और जिससे हमारे जीवन में लेनदेन को और भी सहज और सरल बनाया है इस UPI ने । आज हम इस लेख में हम UPI के फुल फॉर्म और इसके महत्व, कार्यप्रणाली और बाकी UPI के लाभों पर विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे
UPI क्या है ?
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या (UPI) एक रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम है जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा 11 April 2016 को विकसित किया गया था। इसकी स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) के दिशा-निर्देशों के तहत की गई थी। UPI ने भारत में पेमेंट सिस्टम को एक नया क्रांतिकारी रूप से बदल दिया है, आज UPI को मोबाइल फोन के माध्यम से सुरक्षित और त्वरित लेनदेन संभव हो रहा है।
UPI की कार्यप्रणाली
UPI एक सेंट्रलाइज्ड कार्य प्रणाली है जो धारको के विभिन्न बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन से जोड़ने की अनुमति देता है। यूपीआई माध्यम से, यूजर अपने बैंक खातों से बहुत ही आसानी से पैसे भेज और प्राप्त कर सकते हैं। UPI का उपयोग करने के लिए कुछ चीजो को आपको ध्यान देना चाहिए
1. UPI ऐप डाउनलोड करना: सबसे पहले, यूजर को किसी भी बैंक का UPI enabled ऐप डाउनलोड करे, जैसे कि BHIM, Google Pay, PhonePe, Paytm आदि।
2. अपने बैंक खाता को UPI से जोड़ना: ऐप में अपने बैंक खाता विवरण जोड़ें और इसे UPI आईडी से लिंक करें।
3. UPI आईडी बनाना: हर यूजर को एक UPI आईडी मिलती है जिसे वो उसके बैंक खाता से जुड़ा होता है।
4. लेन-देन करना: पैसे भेजने या प्राप्त करने के लिए केवल UPI आईडी की आवश्यकता होती है। इसके लिए किसी भी प्रकार का बैंक खाता नंबर या आईएफएससी कोड शेयर किए बिना UPI आईडी के जरिये ही आसानी से लेन-देन कर सकते है।
UPI के फायदे
UPI ने आज ऑनलाइन लेन-देन को बहुत ही सरल और आसन बना दिया है। इसके कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं:
1. सरलता और सुविधा: UPI के माध्यम से केवल एक क्लिक में लेन-देन किया जा सकता है। इसके लिए बस यूजर का मोबाइल फोन number और इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है।
2. सुरक्षा: UPI में यूजर की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग किया जाता है। जिससे हर लेन-देन के लिए एक 4-6 digit पिन की आवश्यकता होती है।
3. Real Time Transaction: UPI के माध्यम से लेन-देन रीयल-टाइम में होता है, जिससे पैसे तुरंत भेजे और प्राप्त कर सकते हैं।
4. MultiPurpose Use: UPI का उपयोग विभिन्न प्रकार के पेमेंट्स के लिए किया जा है, जैसे कि इलेक्ट्रिक बिल, रिचार्ज, ऑनलाइन शॉपिंग, मर्चेंट पेमेंट इत्यादि।
5. Low Cost: UPI के माध्यम से लेन-देन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता है , इसीलिए सभी इसका प्रयोग करते है
UPI का भविष्य
आज UPI ने अपनी शुरुआत से बहुत तेजी से विकास किया है और यह समय के साथ और भी उन्नत और व्यापक होता जा रहा है। हाल ही में NPCI ने UPI 2.0 लॉन्च किया है जिसमें अतिरिक्त सुविधाएँ जोड़ी गई हैं जैसे कि ओवरड्राफ्ट खाते का लिंक, एक बार का मैंडेट, इन्वॉयस इन द इनबॉक्स, और साइनटेंट-फॉर-इंटरनेशनल लेन-देन।
UPI का फुल फॉर्म क्या है ?
जैसा की हमने पहले ही लेख के दूसरी लाइन में UPI के फुल फॉर्म के बारे में बता दिया है UPI का फुल फॉर्म Unified Payments Interface होता है जिसे हिंदी में एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस कहते है
आखरी शब्द
UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली के रूप को एक नई दिशा दी है। UPI के माध्यम से लेन-देन करना न केवल सरल और सुविधाजनक है बल्कि सुरक्षित भी है। UPI ने आज देश के हर छोटे बड़े व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है। इसके निरंतर विकास और विस्तार के साथ, UPI भविष्य में भी डिजिटल भुगतान प्रणाली में एक प्रमुख भूमिका निभाता रहेगा। आज UPI का प्रयोग Mauritius, Sri Lanka, Singapore, Malaysia, UAE, France, Nepal, UK, जैसे देश के लोग भी कर रहे है