मुझे पढ़ना-लिखना सिखाने के लिए धन्यवाद
मुझे सही-गलत की पहचान सिखाने के लिए धन्यवाद
मुझे बड़े सपने देखने और आकाश को चूमने का साहस देने के लिए धन्यवाद
मेरा मित्र, गुरु और प्रकाश बनने के लिए धन्यवाद
दिया ज्ञान का भण्डार हमें
किया भविष्य के लिए तैयार हमें
हैं आभारी उन गुरुओं के हम
जिन्होंने किया कृतज्ञ अपार हमें
मेरे गणित के सवाल
मेरे दिल की उलझन
मेरे भविष्य की समस्याएं सुलझाने के लिए
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
हैपी टीचर्स डे!
माता गुरु हैं, पिता भी गुरु हैं
विद्यालय के अध्यापक भी गुरु हैं
जिससे भी कुछ सिखा है हमने
हमारे लिए हर वो शख्स गुरु हैं
गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार
गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार
गुरु का सान्निध्य ही, जग में है उपहार
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार
गुरु तेरे उपकार का
कैसे चुकाऊं मैं मोल
लाख कीमती धन भला
गुरु हैं मेरे अनमोल
आपसे ही सीखा, आपसे ही जाना
आप ही को हमने गुरु हैं माना
सीखा है सब कुछ आपसे हमने
कलम का मतलब आपसे है जाना
क्या दूं गुरु-दक्षिणा
मन ही मन मैं सोचूं
चुका न पाऊं ऋण मैं तेरा
अगर जीवन भी अपना दे दूं
गुमनामी के अंधेरे में था, पहचान बना दिया
दुनिया के गम से मुझे, अनजान बना दिया
उनकी ऐसी कृपा हुई, गुरु ने मुझे इंसान बना दिया
जो बनाए हमें इंसान
और दे सही-गलत की पहचान
देश के उन निर्माताओं को
हम करते हैं शत-शत प्रणाम
जीने की कला सिखाते शिक्षक
ज्ञान की कीमत बताते शिक्षक
पुस्तकों के होने से कुछ नहीं होता
अगर मेहनत से नहीं पढ़ाते शिक्षक