दोस्तों आज हम आपको अलंकार के बारे में बताने वाले है की आखिर ये अलंकार क्या है और इसकी परिभाषा, भेद, उदाहरण और प्रकार कितने है ये सारे अलंकार दो शब्दों से मिल कर बना है अलम+कर और इस्पे अलम शब्द का अर्थ होता है आभूषण
अलंकार की परिभाषा (Alankar Ki Paribhasha) :- जो शब्द काव्य की शोभा या सुन्दरता को बढ़ाते है उसे हम अलंकार कहते है
अलंकार किसे कहते है ?
अलंकार का शाब्दिक अर्थ आभूषण होता है जिस प्रकार आभूषण को धारण करके एक सुन्दर स्त्री और भी अधिक सुन्दर लगते लगती है ठीक उसी प्रकार अलंकार भाषा को सजाने और सवारने के ठाठ निखारने का काम करते है. अलंकार के प्रयोग से भाषा सुन्दर और प्रभावशाली बन जाते है उसे हम अलंकार कहते है
अलंकार के भेद (Alankar Ke Bhed)
अलंकार भेद मुख्यत तीन प्रकार के होते है जो की है
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- उभयालंकार
शब्दालंकार किसे कहते है ?
जब शब्दों का प्रयोग करके काव्य में सौंदर्य को बढ़ता जाता है या काव्य में चमत्कार उत्पन्न किया जाता है उसे शब्दालंकार कहते है
शब्दालंकार के भेद कितने है ?
शब्दालंकार के 5 प्रकार के होते है
1. अनुप्रास अलंकार
2. यमक अलंकार
3. श्लेष अलंकार
4. वक्रोती अलंकार
5. पुनोरोक्ति अलंकार
अर्थालंकार किसे कहते है ?
अर्थ को चमत्कृत या अलंकृत करने वाले अलंकर को हम अर्थालंकार कहते है
अर्थालंकार के भेद कितने है ?
अर्थालंकार के ३५ से भी ज्यादा भेद है जैसे उपमा , रूपक , उत्प्रेक्षा, मानवीकरण , विरोधाभास, संदेह, इत्यादि
उभयालंकार किसे कहते है ?
उभयालंकार ऐसा अलंकर है जिसके अन्दर शब्दअलंकार और अर्थलंकार दोनों का योग होता है अर्थात जो अलंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आधारित रहकर दोनों को चमत्कारी करते है उन्हें उभयालंकार कहते है
उदहारण : कजरारी अँखियन में कजरारी न लाखाय
उभयालंकार के भेद कितने है ?
उभयालंकार के दो भेद होते है
- 1. संसृष्टि
- 2. संकर